Posts

Showing posts from May, 2010

Kitlibaazi resurrection

chaikalaals मन कि भडास मांगे चाय, दिल का हाल मांगे चाय, कोई धमाल मांगे चाय, इस गैंग हर लाल मांगे चाय.... रातों के हम रास्ते है चाय हमारे वास्ते है एक हमराही, जो मनचाही आवाज़ ओ ढाले चाय हम है अमदावाद के मैल्कलाल लोगों हमें तुम बोलो चैकालाल हमें अपने चाय से है प्यार, कितली के काका के हम यार यह दोस्ताना रहेगा सदा याद महीनों के बाद, सालों के बाद चाय कि जब हम लेंगे चुस्की याद आएगी हर उसकी जो इस गैंग के हैं चैकेलाल.... लक्ष्मी अजय Yeah thats truly us....